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तेजाब शुद्धिकरण का उधोग (Acid cleaning industry)

 तेजाब शुद्धिकरण उद्योग( Acid cleaning Industry)

औद्योगिक स्तर पर बननेवाले अम्लों में अनेक अशुद्धियां होती हैं, जो अक्सरहा निकारक साबित होती हैं। इसीलिए तेजाबों की सफाई करना आवश्यक होउ ठता है सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड व हाइड्रोक्लोरिक एसिड काइ स्तेमाल सर्वाधिक होता है इसलिए इन्हें स्वच्छ बनाना अत्यंत आवश्यक है।

सल्फ्यूरिक एसिड का शुद्धिकरण

अशुद्धियां: आर्सेनिक एसिड, एंटीमनी ऑक्साइड, सैल्पेनियम, थैलेनियम,आर्सेनियस एसिड, थैलियम, शीशा, कॉपर, मर्करी, कार्बनिक पदार्थ, एल्यूमीनियम,जिं क, नाइट्रिक एसिड, आयरन, नाइट्रस एसिड, क्लोरीन, नाइट्रिक ऑक्साइड आदि।इ नमें से आर्सेनिक व नाइट्रोजन ऑक्साइड ही ऐसी अशुद्धियां हैं जो सल्फ्यूरिकए सिड की गुणवत्ता पर असर डालती हैं। आर्सेंनिक की अशुद्धि दूर करने के लिएस ल्फ्यूरिक एसिड को हाइड्रोजन सल्फाइड के साथ मिलाया जाता है। इससे सभीअ शुद्धियां दूर हो जाती हैं लेकिन आर्सेनिक के कण नहीं निकल पाते। इसे अलगक रने के लिए आसवन (Distillation), क्रिस्टलाइजेशन, ट्राईक्लोराइड के रूपमें  अलग करना, सल्फाइड के रूप में अवक्षेप बनाना, चैंबर एसिड में आर्सेनिकका  अवक्षेपण करना, सल्फ्यूरिक एसिड से नाइट्रोजन ऑक्साइड अलग करनाजै सी प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है।इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बावजूद भी सल्फ्यूरिक एसिड से नाइट्रोजनऑ क्साइड कीउ न इन सभी विधियों से नाइट्रोजन ऑक्साइड सल्फ्यूरिक एसिड से अलग हो जाताहैं । यह विधियां हैं-सल्फर डाइऑक्साइड का इस्तेमाल, कार्बनिक यौगिक कास्ते माल अमोनियम सल्फेट की प्रतिक्रिया और सेलीनियम की अशुद्धि को हटाना।इ सके अलावा भी कुछ अशुद्धियां रह जाती हैं जिसके लिए एसिड काइ लेक्टोलिसिस किया जाता है। इस प्रक्रिया में एसिड को गर्म करके इलेक्ट्रोलाइट सेलभ र दिया जाता है। इस अम्ल में विद्युत प्रवाहित की जाती है जिससे एसिड रंगहीनकु छ मात्रा अलग नहीं हो पाती। इसे निकालने के लिए जो विधियां हैं,Ho जाता है। यह स्थिति आने पर विद्युत प्रवाहित करना बंद कर अम्ल को गर्म किया।जा ता है। जब अशुद्धियां तली में बैठ जाती है तब अम्ल की छान लिया जाता है।

नाइट्रिक एसिड का शुद्धिकरण

नाइट्रिक एसिड का निर्माण सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड व पोटेशियम नाइटेटसो डियम नाइट्रेट की प्रक्रिया से बनाया जाता है। इस अम्ल में नाइट्रस ऑक्साइटकी  मात्रा मिली रहती है। अम्ल को शुद्ध बनाने के लिए 60 से 80 डि्ीसे ल्सियस तक गर्म करने के बाद शुष्क नाइट्रोजन गैस या हवा इस अम्ल मेंप्र वाहित की जाती है। अम्ल में गर्म हवा प्रवाहित की जाती है, जो एसिड को गर्मक र देती है और नाइट्रस की भाप अपने आप चली जाती है जिससे नाइटिकए सिड शुद्ध हो जाता है।

हाइड्रोक्लोरिक एसिड का शुद्धिकरण

साधारण नमक (सोडियम क्लोराइड) व सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड की क्रियाहो ने पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड का निर्माण होता है लेकिन इस प्रक्रिया के दौरानइ समें अनेक अशुद्धियां आ जाती हैं। इन अशुद्धियों में फैरिक क्लोराइड, क्लोरीन,सल्फ्यूरिक एसिड, आर्सेनिक क्लोराइड व सल्फर डाइऑक्साइड प्रमुख हैं। इनअशुद्धियों को निम्न विधि से दूर किया जा सकता है:

1. अवाष्पशील अशुद्धि को दूर करने के लिए अम्ल को सावधानी से आसवितक र प्रथम व अंतिम भाग छोड़ दिया जाता है।

2. फैरिक क्लोराइड अशुद्धि को दूर करने के लिए अम्ल को तनु (Dilute)करने के बाद इसमें फास्फोरिक अम्ल या कैल्शियम फास्फेट डालकर इसेआ सवित कर लिया जाता है।

3. सल्फ्यूरिक एसिड अशुद्धि को दूर करने के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड मेंबे रियम क्लोराइड मिलाया जाता है। पेंदी में बैठने के बाद साफ एसिड को सवित कर लिया जाता है।

4. आर्सेनिक को अलग करने के लिए इसकी स्टैनस क्लोराइड हाइड्रोजनस ल्फाइड, बेरियम सल्फाइड या परटेशियम थायोसल्फेट के साथ कियाक जाती है, वैनेडस सॉल्ट या खनिज तेल का इस्तेमाल किया जाता है।शुद्ध हाइड्रोक्लोरिक एसिड को तैयार करने के लिए सांद्र सल्फ्यूरिक एसिडको  धीमी गति से अशुद्ध सांद्र हाइड्रोक्लोरिक एसिड के साथ मिलाया जाता है।इस मिश्रण के साथ ही हाइड्रोक्लोराइड गैस निकलनी शुरू हो जाती है। हाइड्रोक्लोरिकए सिड की निकली गैस को खनिज तेलों से भरे ट्रैप से गुजारकर आसवित जल मेंघोल लिया जाता है। इससे आस्सेंनिक फैरीक्लोराइड सल्फ्यूरिक एसिड आदि अशुद्धियां दूर हो जाती हैं।


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