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मसाला उधोग कैसे शुरू करे (species industry)

 मसाला उद्योग( Species Industry)

प्राचीनकाल विभिन्न मसालो का उत्पादन और निर्यात करनेवालाए क प्रमुख देश रहा है। गर्म मसालों में मुख्य तौर पर काली मिर्च, धनिया, जीराइ लायची, लाल मिर्च, अदरख और हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। विदेशों मेंइ न मसालों की भारी मांग के मद्देनजर इनका निर्माण करना लाभदायक उद्योगसा बित हो सकता है।मसाला बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।

  

पानी से धुलाई और सफाई: मसालों से मिट्टी आदि गंदगी को हटाने के लिए तेज दबाव पर पानी से धुलाई और सफाई की जाती है।छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटना: अदरक आदि जैसे मसाले ke छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने की जरूरत होती है। अगर इसे छोटे-छोटेटु कड़ों में काट लिया जाए तो इसे सूखने में कम समय लगता है। अदरक को पहले चाकू से छील लिया जाता है। कभी-कभी हल्दी या अदरक को पानी में उबाल भी लिया जाता है जिसके कारण इसके सूखने में कम समय लगता है।मिर्च आदि को सुखाने से पहले भाप में पांच मिनट तक गर्म किया जाता है।सुखाना: लागत कम करने के लिए मसालों को धूप में सुखा लिया जाता है। इसका के लिए मशीनों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। आमतौर पर सुखानेवाली ड्रायर मशीनों का तापमान 50 से 60 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जाता है। ड्रायर की सहायता से 8 से 10 प्रतिशत नमी दूर की जा सकती है। इसके लिए ट्रे ड्रायर का इस्तेमाल किया जाता है। सूखने के बाद इन्हें आसानी से पीसा जा सकता है रासायनिक क्रिया: कुछ मसालों जैसे इलायची के लिए रासायनिक क्रिया करने की जरूरत पड़ती है। उदाहरण के लिए अदरक को बेहतर दिखाने के लिए चूने के साथ ट्रीट किया जाता है। इसी तरह इलायची को हल्का पीला रंग देने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है।प्री क्लीनिंग व ग्रेडिंग: मसालों में एकत्र धूल आदि के कणों को न्यूमेटि कसेपरेशन विधि से दूर किया जाता है। इसके बाद मशीनों या हाथ की सहायता से मसालों की ग्रेडिंग की जाती है।पिसाई: करी पाउडर बनाने के लिए मसालों की गीली या सूखी पिसाई की जाती है। इस पिसाई के लिए आमतौर पर फिक्स्ड बिटर, डबल रोलर, केज तथा हैमर मिल का इस्तेमाल किया जाता है । छोटे उद्योगों में प्लेट मिल को बारीक पिसाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मिक्सिंग तथा पैकिंग: पैडल लगे ट्रफ टाइप मिक्सर के द्वारा मसालों को अच्छी तरह मिलाकर पैक कर लिया जाता है।

फार्मूला नं. 1.         भाग

धनिया।                     5

हल्दी।                       5

इलायची।                   40

काली मिर्च।               10

मेथी।                       40

फार्मूला नं. 2

धनिया।          18          

काली मिर्च।     1.5

हल्दी।        1.5

अदरक।     1.5

जायफल।    0.5

लौंग।           0.5

सौंफ।           0.5

शालाटी।         0.5

इलायची।         0.5

फार्मूला नं. 3

धनिया।              70

नमक।                5

पीली सरसों।        5

लाल मिर्च।           5

हल्दी।                 5

काली मिर्च।         5

तेजपत्ता।            2

सब प्रकार के मुसाले।  2

जायफल।                  1

शालाटी।                    1

सौंफ।                        1

जीरा।                        1

मशीनें तथा उपकरण

चैंबर टाइप, 48 ट्रेवाला ट्रे ड्रायर।  2

साइक्लोन सेपरेटर, मोटर आदि।    2

के साथ पल्वराइजर

मोटर आदि के साथ डिसइंटिग्रेटर।    1

100 किग्रा क्षमतावाला मिक्सर।       1

विविध उपकरण

कच्चा माल (मासिक)

हल्दी

लाल मिर्च

गर्म मसाले व अन्य मसाले

पॉलीथिन की थैलियां, कागज के

डिब्बे आदि

बिजली

बिजली (डोमेस्टिक)

पानी

5.25 टन

5.75 टन

2.75 टन

2,000 किलोवाट

500 किलोवाट

125 कि. लीटर

इस योजना से 500 किलोग्राम मसाला प्रतिदिन बनाया जा सकता है।


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